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आइआइटी जोधपुर ने इंटरनेट ऑफ व्हीकल की मदद से विकसित की नई तकनीक, दुर्घटना संभावित क्षेत्रों के बारे में भी मिलेगा अलर्ट
ट्रैफिक जाम व सड़क पर गड्ढे का आधा किमी पहले ही चलेगा पता

 

जोधपुर. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) जोधपुर के शोधकर्ताओं ने सड़क पर ड्राइविंग को सुरक्षित बनाने के लिए इंटरनेट ऑफ व्हीकल (आइओवी) आधारित तकनीक विकसित की है। इसमें वाहनों के मध्य रियल टाइम कम्युनिकेशन होगा।

सड़क पर गड्ढा होने की स्थिति में वाहन का सेंसर आधा किलोमीटर पहले ही वाहन चालक को सूचित कर देगा। ट्रैफिक जाम और दुर्घटना संभावित क्षेत्रों के बारे में भी वाहन चालकों को पहले ही सतर्क कर दिया जाएगा। इस तकनीक का उपयोग किसी दुर्घटना या रोड की खतरनाक स्थिति के बारे में आपातकालीन अलर्ट जारी करने के लिए भी किया जा सकता है ताकि आसपास मौजूद वाहन सचेत हो जाएं और बचाव के लिए ज़रूरी कदम उठा सकें।

खराब सड़कें भी रिपेयर हो जाएंगी: इस नेटवर्क की मदद से जुटाए गए आंकड़ों का विश्लेषण करके दुर्घटना संभावित क्षेत्रों का पता लगाया जा सकता है। खराब सड़कों के बारे में भी जानकारी इकट्ठा की जा सकती है। वाहनों को चोरी या अनधिकृत इस्तेमाल से भी बचा सकेंगे। इस तकनीक में यूज़र का डेटा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा। गूगल सड़क व मार्ग से संबंधित पुराना डाटा बताता है जबकि आइआइटी जोधपुर की ओर से विकसित तकनीक में रियल टाइम डाटा शेयरिंग है जिससे वाहन चालकों को सड़क पर काफी सुविधा रहती है।

 

ऐसे काम करेगा सिस्टम
आइआइटी ने ए नोवल मैक-बेस्ड ऑथेंटिकेशन स्कीम (नोमास) फॉर इंटरनेट ऑफ व्हीकल (आइओवी) तकनीक विकसित की है। इस तकनीक में गाड़ियों में ऑन बोर्ड यूनिट (ओबीयू) लगानी होगी, जिसमें आइओवी तकनीक जोड़ी जाएगी। यह एडवांस सेंसर जैसा है, जो वाहन चालकों को सड़क की हर स्थिति के बारे में जानकारी देता रहेगा। वाहनों में लगे आइओवी और अन्य आइओवी घटकों के मध्य संपर्क डेडिकेटेड शॉर्ट-रेंज कम्युनिकेशन प्रोटोकॉल और वायरलेस एक्सेस इन वीकल एनवायरनमेंट प्रोटोकॉल का उपयोग किया जाएगा। यह शोध आइआइटी जोधपुर के कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. देबाशीष दास और पीएचडी छात्रा हिमानी सिकरवार ने किया है। शोध को आइईईई ट्रांजेक्शन्स ऑन इंटेलीजेंट ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम्स में प्रकाशित किया गया है।

नोमास व आइओवी की मदद से भारतीय सड़कों पर वाहन चालकों का सफर और अधिक सुरक्षित बन सकेगा। विदेशों में कुछ स्थानों पर इस तकनीक का आंशित उपयोग किया जा रहा है।

-डॉ. देबाशीष दास, कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग विभाग, आइआइटी जोधपुर

जोधपुर. भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) जोधपुर के शोधकर्ताओं ने सड़क पर ड्राइविंग को सुरक्षित बनाने के लिए इंटरनेट ऑफ व्हीकल (आइओवी) आधारित तकनीक

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